संदेश

अगस्त, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

फार्मेसी संस्थान में शिक्षक समारोह

चित्र
अमरलाल न्यूज़डेस्क पटना राजकीय फार्मेसी संस्थान अगम कुआं पटना में आज 5 सितंबर शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ वर्तमान प्राचार्य राम कुमार एवं शैलेंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में गुरु का महत्व उल्लेखनीय हैं कहा जाता है कि गुरु के बिना ज्ञान की कल्पना नहीं की जा सकती है और इंसान जिनसे भी प्रेरणा लेते हैं वह उनके गुरु कहलाते हैं उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि जीवन में हमेशा संघर्ष करने का प्रयत्न करना चाहिए और जहां मुसीबत दिखे गुरु की प्रेरणा जरूर लेनी चाहिए कार्यक्रम में डिप्लोमा फार्मेसी ऑर्गेनाइजेशन के फार्मासिस्ट अरविंद कुमार ने गुरु की व्याख्या करते हुए गुरु की तुलना परमेश्वर से की वही फार्मा एक्टिविस्ट रजत राज , सुबोध, संत ने समाज में गुरु के महत्व को उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि इंसान मिट्टी है जिसे गुरु अपने ज्ञान से मूर्ति बना सकता है छात्रों ने बताया कि फार्मेसी में छात्रों को रोजगार के भरपूर अवसर है राज्य में 12000 से अधिक अस्पताल हैं लेकिन कार्यरत फार्मासिस्ट...

आरबीएसके बिहार के फार्मासिस्टों के साथ भेदभाव ,चौधरी कमिटी में भी नहीं मिली जगह

चित्र
रजत राज स्पेशल स्टोरी कवर न्यूज़ डेस्क बिहार आरबीएसके में कार्यरत फार्मासिस्टों के वेतन वृद्धि के मंसूबों को बिहार सरकार ने तोड़ दिया है सरकार द्वारा संविदा कर्मियों के स्थायीकरण के लिए चौधरी कमेटी का गठन किया गया था गठन के बाद कमेटी ने अपना प्रस्ताव सरकार को सौंप दिया है जिसमें कमेटी ने यह उल्लेखित किया है कि कोई भी संविदा कर्मी स्थाई नहीं होगा लेकिन उसे स्थाई कर्मचारियों की तरह अन्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा कमेटी द्वारा सौंपी रिपोर्ट में राज्य के 500000 संविदा कर्मियों को शामिल किया गया है जोकि बिहार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन वहीं सरकार ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के संविदा कर्मियों को लाभ से वंचित किया है सरकार को भेजी गई प्रस्ताव में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम मैं कार्यरत फार्मासिस्ट के वेतन वृद्धि का कोई जिक्र नहीं है                              बिहार आरबीएसके में कार्यरत फर्मासिस्ट प्रदीप कुमार बताते हैं सरकार का रवैया फार्मासिस्टों के प्रति निंदनीय है राज्य सरकार कहती है कि राष्ट्रीय बाल ...

घुस नहीं देने पर फार्मासिस्ट को नहीं दिया ड्रग लाइसेंस

औरंगाबाद  बिहार बिहार के औरंगाबाद जिला मे ड्रग लाइसेंस के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है स्थानीय जनता की माने तो एक ड्रग लाइसेंस के लिए 50000 से ₹100000 तक लिया जाता है जबकि ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया में केवल ₹3000 का चालान जमा करना होता है        मामले का खुलासा तब हुआ जब स्थानीय फार्मासिस्ट एवं फार्मासिस्ट फाउंडेशन के बिहार संयोजक धर्मेंद्र कुमार ने जब लाइसेंस के लिए आवेदन किया सभी मानक प्रक्रियाओं को अपनाते हुए  धर्मेंद्र ने विभाग को सूचित कर दिया 18 वे दिन धर्मेंद्र को एक दलाल का औषधि नियंत्रक कार्यालय से एक दलाल का कॉल आया दलाल ने बताया कि आप कार्यालय आ कर मिल लीजिए फार्मासिस्ट धर्मेंद्र जॉब औषधि नियंत्रक कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय में एक दलाल उनसे पैसे की डिमांड करने लगा धर्मेंद्र के मना करने के बाद उसने आवेदन रद्द करने की धमकी दी जिस रावत धर्मेंद्र ने स्थानीय जिलाधिकारी को भी संपर्क किया लेकिन किसी बैठक के कारण जिलाधिकारी महोदय धर्मेंद्र की समस्या पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाए स्थानीय फार्मासिस्टों ने  आरोप लगाते हुए हमारी टीम को बताया क...

प्रधानमंत्री मोदी से मिले फार्मासिस्ट कहा:- फार्मासिस्टों को मिले प्रैक्टिस का अधिकार

चित्र
[प्रधानमंत्री मोदी से मिलते भारतीय फार्मासिस्ट संघ के प्रतिनिधि] भारतीय फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष अभय कुमार की अध्यक्षता में फार्मासिस्ट कि एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अपना मांग पत्र सौंपा फार्मासिस्टों का कहना था कि नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत आयुष चिकित्सक एवं नर्सों को ब्रिज कोर्स करा कर प्रमोशन तथा प्रमोशनल अधिकार दिए जा रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर आयुष चिकित्सक फार्मासिस्ट और नर्स तीनों को ब्रिज कोर्स कराने का वादा किया था उन्होंने बताया कि हम एलोपैथिक चिकित्सा में बेहद गहन अध्ययन करते हैं और इसके वास्तविक हकदार फार्मासिस्ट हैं इसलिए फार्मासिस्टों को भी प्रेक्टिस करने का अधिकार दिया जाए सरकार ने आयुष चिकित्सकों को ब्रिज कोर्स कराकर चीफ मेडिकल ऑफिसर बनाने का काम कर रही है जबकि एक फार्मासिस्ट जीवन भर केवल फार्मासिस्ट ही रह जाता है उन्होंने बताया कि विभाग के चपरासी तक को भी गजेटेड ऑफिसर का रैंक दिया जाता है लेकिन फार्मासिस्टों के साथ उदासीनता क्यों  इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सचिव भूपेंद्र कुमार ने बताया कि फार्मासिस्टो...

यह कैसीअव्यवस्था बिहार के 12000 अस्पतालों में मात्र 750 फार्मासिस्ट कार्यरत

चित्र
जी हां यह बात आपको हैरान कर देगी कि बिहार के 12,000 अस्पतालों में मात्र 750 फार्मासिस्ट में कार्यरत हैं ऐसे में दवाइयों का रखरखाव एवं वितरण भंडारण अप्रशिक्षित हाथों यानी चतुर्थवर्गीय कर्मचारी से कराया जाता है जिनको दवा तक पढ़ने नहीं आती केवल रंग पहचानकर दवाई देते हैं यह बातें फार्मासिस्ट फाउंडेशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय कुमार भारती ने कही उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट एक संवैधानिक पद है और बिना फार्मासिस्ट के दवा का वितरण भंडारण करना गैरकानूनी है सरकार द्वारा इसके लिए जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है फिर भी राज्य सरकार कानून का उल्लंघन कर रही है राजकीय फार्मेसी छात्रावास परिसर में आयोजित इस बैठक में राज्य के प्रत्येक जिलों के फार्मासिस्टों ने भाग लिया तथा जल्द ही फाउंडेशन की जिला स्तरीय टीम का भी विस्तार किया जाएगा संयोजक धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल फार्मासिस्ट फाउंडेशन की टीम प्रत्येक जिले में बनाई जा रही है लेकिन चुनाव अप्रैल 2019 में कराया जाएगा जो कि ऑनलाइन होगा संगठन निष्पक्ष और निस्वार्थ भावना से काम करेगा  संगठन के सच...