फार्मेसी संस्थान में शिक्षक समारोह

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अमरलाल न्यूज़डेस्क पटना राजकीय फार्मेसी संस्थान अगम कुआं पटना में आज 5 सितंबर शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ वर्तमान प्राचार्य राम कुमार एवं शैलेंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में गुरु का महत्व उल्लेखनीय हैं कहा जाता है कि गुरु के बिना ज्ञान की कल्पना नहीं की जा सकती है और इंसान जिनसे भी प्रेरणा लेते हैं वह उनके गुरु कहलाते हैं उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि जीवन में हमेशा संघर्ष करने का प्रयत्न करना चाहिए और जहां मुसीबत दिखे गुरु की प्रेरणा जरूर लेनी चाहिए कार्यक्रम में डिप्लोमा फार्मेसी ऑर्गेनाइजेशन के फार्मासिस्ट अरविंद कुमार ने गुरु की व्याख्या करते हुए गुरु की तुलना परमेश्वर से की वही फार्मा एक्टिविस्ट रजत राज , सुबोध, संत ने समाज में गुरु के महत्व को उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि इंसान मिट्टी है जिसे गुरु अपने ज्ञान से मूर्ति बना सकता है छात्रों ने बताया कि फार्मेसी में छात्रों को रोजगार के भरपूर अवसर है राज्य में 12000 से अधिक अस्पताल हैं लेकिन कार्यरत फार्मासिस्ट...

फार्मासिस्टों को ग्रामीण क्षेत्र में उपचार हेतु अधिकृत करे सरकार फार्मासिस्ट संगठनों की है माँग

जहां देश में एक तरफ आयुष चिकित्सक को एलोपैथिक दवाओं लिखने का अधिकार दिया जा रहा है वही दवाओं के विशेषज्ञ फार्मासिस्टों को इस अधिकार से अब तक वंचित रखा गया है जबकि एलोपैथिक चिकित्सक और एलोपैथिक फार्मासिस्ट दोनों एक ही फार्माकोलॉजी पढ़ते हैं इतना ही नहीं फार्मासिस्ट स्वास्थ्य और चिकित्सा के विभिन्न विषय जैसे कि ह्यूमन एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी ,बायोकेमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, हेल्थ एजुकेशन एंड क्लीनिकल पैथोलॉजी, आदि विषयों में गहन अध्ययन करते हैं तथा अध्ययन के पश्च्यात फार्मासिस्ट अस्पतालों में प्रशिक्षण भी पाते हैं जबकि आयुष डॉक्टर को एलोपैथिक दवाओं के बारे में अध्ययन करना नहीं होता है
 अमेरिका कनाडा आदि विकसित देशों में भी फार्मासिस्टों को प्रिस्क्रिप्शन लिखने का अधिकार दिया गया है जिसकी जानकारी भारत सरकार को भी है तथा भारत सरकार के माय गवर्नमेंट पोर्टल पर अमेरिका में फार्मासिस्टों के प्रिस्क्रिप्शन लिखे जाने के अधिकार की एक कॉपी पीडीएफ फॉर्मेट में उपलब्ध भी है  भारत सरकार और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने फार्मासिस्टों को फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन के अनुसार दवा संबंधी सलाह सुझाव देने का अधिकार दिया है और दवा का वितरण और भंडारण भी फार्मासिस्ट के जिम्मे ही होता है भारत में भी उत्तराखंड और पंजाब आदि राज्यों में डॉक्टर के अनुपस्थिति में फार्मासिस्ट मरीजों की चिकित्सा करते है

 लंबे समय से फार्मासिस्ट मांग रहे हैं प्रिस्क्रिप्शन लिखने का अधिकार देश के फार्मासिस्ट प्रिस्क्रिप्शन लिखने के योग्य हैं और लंबे समय से प्रिस्क्रिप्शन लिखने के अधिकार को लेकर आंदोलन प्रदर्शन एवं मंत्रालय को दर्जनों चिट्ठियां भी लिख चुके हैं 2015 में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन आने के बाद कुछ फार्मासिस्टों में उम्मीद जगी थी लेकिन पीसीआई ने साफ कर दिया की फार्मासिस्ट को प्रिस्क्रिप्शन का अधिकार अभी नहीं दिया गया है  पीपीआर को आधार बनाकर कुछ फरमा से संगठनों ने हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था लेकिन हाईकोर्ट ने उनके मामले को बिना किसी निष्कर्ष के खारिज कर दिया
    ज्ञात हो कि फार्मासिस्ट बनने हेतु 2 वर्ष 3 माह की डिप्लोमा कोर्सेज 4 वर्षीय बैचलर इन फार्मेसी 6 वर्षीय डॉक्टर इन फार्मेसी कोर्स करना पड़ता है लेकिन अफसोस की बात यह है कि 6 वर्षीय कोर्स करने के बावजूद भी डॉक्टर इन फार्मेसी के छात्रों को भी प्रिस्क्रिप्शन लिखने का अधिकार अभी तक नहीं मिल पाया है डॉक्टर इन फार्मेसी की पढ़ाई के बाद छात्रों को एक साल 500 से अधिक बेड वाले अस्पताल में प्रशिक्षण प्राप्त करना होता है तथा डॉक्टर इन फार्मेसी कोर्स पूरी तरीके से क्लीनिकल फार्मेसी और क्लीनिकल शिक्षा पर व्यवस्थित होता है
प्रिस्क्रिप्शन के अधिकार को लेकर डॉक्टर इन फार्मेसी के छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं लेकिन सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है








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