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फार्मेसी संस्थान में शिक्षक समारोह

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अमरलाल न्यूज़डेस्क पटना राजकीय फार्मेसी संस्थान अगम कुआं पटना में आज 5 सितंबर शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ वर्तमान प्राचार्य राम कुमार एवं शैलेंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में गुरु का महत्व उल्लेखनीय हैं कहा जाता है कि गुरु के बिना ज्ञान की कल्पना नहीं की जा सकती है और इंसान जिनसे भी प्रेरणा लेते हैं वह उनके गुरु कहलाते हैं उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि जीवन में हमेशा संघर्ष करने का प्रयत्न करना चाहिए और जहां मुसीबत दिखे गुरु की प्रेरणा जरूर लेनी चाहिए कार्यक्रम में डिप्लोमा फार्मेसी ऑर्गेनाइजेशन के फार्मासिस्ट अरविंद कुमार ने गुरु की व्याख्या करते हुए गुरु की तुलना परमेश्वर से की वही फार्मा एक्टिविस्ट रजत राज , सुबोध, संत ने समाज में गुरु के महत्व को उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि इंसान मिट्टी है जिसे गुरु अपने ज्ञान से मूर्ति बना सकता है छात्रों ने बताया कि फार्मेसी में छात्रों को रोजगार के भरपूर अवसर है राज्य में 12000 से अधिक अस्पताल हैं लेकिन कार्यरत फार्मासिस्ट...

डिप्लोमा को अपग्रेड करने की तैयारी में है पीसीआई कर रही है ब्रिज कोर्स सिलेबस का विस्तार

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पीसीआई को ब्रिज कोर्स, बी फार्म - फार्मेसी प्रैक्टिस के पाठ्यक्रम और संरचना को बदलने की कर रहा है तैयारी मंगलवार, 30 अक्टूबर, 2018, 08:00 बजे [आईएसटी] फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) नियमित बी फार्म कोर्स के बराबर बनाने के लिए ब्रिज कोर्स, बी फार्मा - फार्मेसी प्रैक्टिस की पूरी संरचना को फिर से डिजाइन करने पर विचार कर रही है। इसके हिस्से के रूप में, पाठ्यक्रम की अवधि वर्तमान दो वर्षों से तीन साल में बदल दी जाएगी। इसके साथ-साथ पाठ्यक्रम कुछ विषयगत परिवर्तनों से गुज़रने के लिए भी किया जाएगा। इसके साथ, यह उम्मीद की जाती है कि, पाठ्यक्रम सभी नियामक एजेंसियों और विश्वविद्यालयों द्वारा स्वीकृति की मंजूरी प्राप्त करेगा। वर्तमान में, बी फार्मा अभ्यास में प्रवेश फार्मेसी में डिप्लोमा धारकों को दिया जाता है और कक्षाएं अंशकालिक पाठ्यक्रम के रूप में सप्ताहांत पर आयोजित की जाती हैं। पूरे भारत में, लगभग 30 संस्थान कोर्स चला रहे हैं, लेकिन हर जगह सेवन बहुत कम है। जो लोग दो साल के पाठ्यक्रम को पूरा कर चुके हैं उन्हें डिग्री प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए जल्द ही तीसरे वर्ष की परीक्...

बॉडी बनाने के लिए घोड़े की दवा युवक पहुंचा हॉस्पिटल

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बॉडी बनाने के चक्कर में यंग जेनरेशन इतनी खो चुकी है कि उन्हें किसी की भी राय पर बहुत जल्द भरोसा हो जाता है, चाहे फिर बाद में उसके कितने भी बुरे परिणाम निकलकर सामने क्यों न आएं। राजधानी के  नजफगढ़  से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक 21 साल का लड़का ऐसी दवा लेने लगा, जिसका इस्तेमाल घोड़ों पर किया जाता है। यह मामला सन्नी (बदला हुआ नाम) से जुड़ा है, जो एक पुलिसकर्मी का लड़ा है। सन्नी को बॉडी बिल्डिंग  का शौक चढ़ा तो उसके कोच ने उसे  AMP5  कंपाउंड लेने की सलाह दी, जो दिनभर काम करनेवाले घोड़ो को दिया जाता है। यह कुछ खास केसों में मनुष्य को भी दिया जाता है, लेकिन ओरल फॉर्म में इंजेक्शन से नहीं। रिजल्ट मिलने से खुश था सन्नी AMP5 के इस्तेमाल से सन्नी शुरुआत में काफी खुश था। डॉक्टरों को उसने बताया कि दवा लेने की सलाह उसके कोच ने दी थी और कहा था कि अगर वह रोज उस इंजेक्शन को लेगा तो ज्यादा कसरत कर पाएगा। इसके असर पर बात करते हुए सन्नी ने कहा, 'उसने जादू की तरह काम किया था। मैं रोज 1मिलीलीटर AMP5 ले रहा था और फिर बिना थके घंटों कसरत करता रहता था। मुझे बदलाव ...

जानिए क्या होता है डेंगू बुखार

DENGUE FEVER    डेंगू बुख़ार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। डेंगू का इलाज समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं. मच्छर डेंगू वायरस को संचरित करते (या फैलाते) हैं। डेंगू बुख़ार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों। डेंगू बुख़ार के कुछ लक्षणों में बुखार; सिरदर्द; त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। कुछ लोगों में, डेंगू बुख़ार एक या दो ऐसे रूपों में हो सकता है जो जीवन के लिये खतरा हो सकते हैं। पहला, डेंगू रक्तस्रावी बुख़ार है, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं (रक्त ले जाने वाली नलिकाएं), में रक्तस्राव या रिसाव होता है तथा रक्त प्लेटलेट्स  (जिनके कारण रक्त जमता है) का स्तर कम होता है। दूसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम है, जिससे खतरनाक रूप से निम्न रक्तचाप होता है। डेंगू वायरस चार भिन्न-भिन्न प्रकारों के होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इनमें से किसी एक प्रकार के वायरस का संक्रमण हो जाये तो आमतौर पर उसके पूरे जीवन में वह उस प्रकार के डेंगू वायर...

अर्थराइटिस के दर्द से परेशान हैं तो जरूर अपनाए यह घरेलू नुस्खे

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अर्थराइटिस का दर्द इतना तेज होता है कि व्यक्ति को न केवल चलने–फिरने बल्कि घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है। घुटनों में दर्द होने के साथ–साथ दर्द के स्थान पर सूजन भी आ जाती है। इस दर्द से राहत दिलाने में आपका सबसे बड़ा हमदर्द होता है आहार और घरेलू नुस्खे। आइए जाने कैसे अर्थराइटिस में घरेलू नुस्खे सबसे सुरक्षित उपचार हैं।   कभी–कभी दर्द के कारण बुखार भी हो जाता है और यहां तक कि जोड़ों का आकार भी टेढ़ा हो जाता है। कुछ लोग तो अस्पतालों के चक्कर काटकाट कर इतने थक जाते हैं कि वो इस बीमारी के साथ जीने को स्वीकार कर लेते हैं। ठंड के मौसम में गठिया के मरीज़ों को अधिक परेशानी होती है इसलिए उन्हें ठंड से बचने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। इस बीमारी में चिकित्सक आहार पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं क्योंकि आप जो भी खाते हैं वो सीधा आपके स्वास्‍थ्‍य को प्रभावित करता है। अर्थराइटिस से बचाव के लिए आपके आहार में ग्लूयकोसामीन और कांड्रायटिन सल्फेवट होना चाहिए। ग्लूसकोसामीन और कांड्रायटिन सल्फेआट हड्डियों और कार्टिलेज के लिए अच्छें होते हैं। अर्थराइटिस में हमदर्द आहार •...