आईजीआईएमएस की नर्सिंग छात्रा खुशबु के संदेहास्पद मौत को आत्महत्या बताने और मामले की सीबीआई जांच के लिए आज बिहार के चिकित्सा संकाय के छात्र छात्राओं ने बिस्कोमान भवन से लेकर कारगिल चौक तक पैदल कैंडल मार्च निकाला छात्राओं का आरोप है कि प्राचार्य और कुछ लोगों द्वारा नर्सिंग छात्राओं का शोषण किया जाता है उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है और ऐसा कई नर्सिंग छात्राओं के साथ भी हो चुका है आवाज उठाने पर फेल करने की धमकी दी जाती है हमेशा छात्राओं को आपस में भड़काया जाता है और खुशबू के साथ भी इसी प्रकार का बर्ताव हुआ उनका कहना है कि खुशबू आत्महत्या नहीं की बल्कि खुशबू की हत्या की गई है छात्र कहते हैं कि खुशबू शादीशुदा थी और कई बार यह कहा जा रहा था कि तुम शादीशुदा हो तो पढ़ाई क्यों कर रही हो क्या शादी शुदा लड़कियां पढ़ाई नहीं कर सकती जहां एक तरफ नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगा रहे हैं वहीं दूसरी ओर आईजीएमएस के छात्राओं को प्राचार्य आत्महत्या को विवश कर रहे हैं

यह केवल नर्सिंग या फिर आईजीएमएस का मामला नहीं है पारा मेडिकल छात्रों तथा फार्मेसी छात्रों के साथ भी इसी प्रकार का शोषण की कई वाक्य सामने आ चुकी हैं छात्रों को घुट घुट कर जीना पड़ता है लेकिन पता नहीं चल पा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की नींद कब खुलेगी सुशासन का ढोल पीटने वाले नीतीश कुमार कब उठेंगे और कब हमारे चिकित्सा जगत में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले छात्र-छात्राओं का भविष्य और जीवन सुरक्षित रहेगा आखिर कब तक छात्राएं आत्महत्या करती रहेंगी
दूसरी बात प्रधान सचिव संजय कुमार ने ट्वीट करके यह बताया है कि नर्सिंग छात्राओं को आईजीएमएस की गरिमा का ध्यान रखते हुए मामले को दबा देना चाहिए जो बेहद निंदा जनक है पारा मेडिकल छात्र संघ के अध्यक्ष भारत भूषण आशुतोष कुमार नीतीश सनी आदि छात्र कहते हैं कि यदि खुशबू को 48 घंटे के अंदर न्याय नहीं मिला दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई और मामले की सीबीआई जांच के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा गया तो आईजीएमएस को पूरी तरह से बंद किया जाएगा ज्ञात हो कि आंदोलन को फार्मेसी छात्र संघ तथा पटना यूनिवर्सिटी के विभिन्न छात्र नेताओं ने भी समर्थन दिया है फार्मेसी छात्र रजत रंजन कहते हैं कि चिकित्सा संकाय के विद्यार्थियों के साथ स्वास्थ्य विभाग का बर्ताव ठीक नहीं है चाहे मेडिकल कॉलेज हो नर्सिंग कॉलेज हो या फार्मेसी कॉलेज हमेशा छात्रों का शोषण होता आया है लेकिन अब हम सभी छात्र एकत्रित हैं और हम किसी प्रकार के शोषण को बर्दाश्त नहीं करेंगे चाहे इसके लिए हमें जेल जाना ही क्यों ना पड़े वही छात्राओं का कहना है कि कई बार आंदोलन करने के बाद भी ना तो आईजीएमएस पर छात्राओं की बात सुनने को तैयार है और ना ही स्वास्थ्य विभाग ऐसे में मजबूर छात्राएं शोषित हो रही हैं और विभाग चुप्पी साधे हुआ है
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