संदेश

जनवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

फार्मेसी संस्थान में शिक्षक समारोह

चित्र
अमरलाल न्यूज़डेस्क पटना राजकीय फार्मेसी संस्थान अगम कुआं पटना में आज 5 सितंबर शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ वर्तमान प्राचार्य राम कुमार एवं शैलेंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में गुरु का महत्व उल्लेखनीय हैं कहा जाता है कि गुरु के बिना ज्ञान की कल्पना नहीं की जा सकती है और इंसान जिनसे भी प्रेरणा लेते हैं वह उनके गुरु कहलाते हैं उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि जीवन में हमेशा संघर्ष करने का प्रयत्न करना चाहिए और जहां मुसीबत दिखे गुरु की प्रेरणा जरूर लेनी चाहिए कार्यक्रम में डिप्लोमा फार्मेसी ऑर्गेनाइजेशन के फार्मासिस्ट अरविंद कुमार ने गुरु की व्याख्या करते हुए गुरु की तुलना परमेश्वर से की वही फार्मा एक्टिविस्ट रजत राज , सुबोध, संत ने समाज में गुरु के महत्व को उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि इंसान मिट्टी है जिसे गुरु अपने ज्ञान से मूर्ति बना सकता है छात्रों ने बताया कि फार्मेसी में छात्रों को रोजगार के भरपूर अवसर है राज्य में 12000 से अधिक अस्पताल हैं लेकिन कार्यरत फार्मासिस्ट...

बिहार के आक्रोशित पैरामेडिकल छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री को थमा दिया कटोरा कहा विभाग गरीब है तो आइए साथ में भीख मांगते हैं

चित्र
SUBSCRIBE बिहार के आक्रोशित paramedical छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री को थमा दिया कटोरा कहा विभाग गरीब है तो आइए साथ में भीख मांगते हैं पटना  :  बिहार से एक  बड़ी खबर है जहां अगमकुआं स्थित आरएमआरआई में पूर्वोत्तर राज्य के छात्रों के स्वागत समारोह में भाग लेने के बाद लौट रहे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का घेराव एनएमसीएच पारा मेडिकल संघ के छात्रों ने किया। इस दौरान छात्र मंत्री की निकल रही गाड़ी के आगे लेट गए और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मौके पर मंत्री भी अपनी गाड़ी से उतर कर छात्रों के बीच पहुंचे और उनकी बात सुनना चाहा। इसके पहले ही आक्रोशित छात्रों ने मंत्री जी को एक मांग पत्र सौंपा। साथ ही साथ उन्हें एक कटोरी भी पकड़ा दिया। बातचीत हो पाती इसके पूर्व ही माहौल बिगड़ गया। छात्रों ने मंत्री जी को कटोरी पकड़ाते हुए भीख मांगने की बात कही। इसके बाद धक्का-मुक्की का माहौल शुरू हो गया। किसी तरह मंत्री छात्रों को समझाना चाहे, मगर छात्र आक्रोशित थे। उनका कहना था कि उनकी समस्याओं का निराकरण नालंदा मेडिकल कॉल...

देश के फार्मासिस्ट को मिले प्रिस्क्रिप्शन लिखने का अधिकार

आमतौर पर छोटी मोटी बिमारियों मसलन सर्दी जुकाम बुखार कटना छीलना खांसी होने पर लोग डॉक्टर्स के पास नहीं जाते। डॉक्टर की फ़ीस के बचाने के लिए जनता सीधे केमिस्ट शॉप पहुँचती है और केमिस्ट के कहे अनुसार दवा का सेवन करना शुरू कर देती है। चूँकि दवा बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन या सलाह के ली गई है ऐसे में केमिस्ट भी दवा का पक्का बिल नहीं नहीं देते। एक्ट का उलंघन भी होता है और राजस्व को भी नुकसान होता है। यह हाल किसी एक राज्य का नहीं अमूमन पुरे देश में यही हाल है। एक अनुमान के अनुसार देश में ६०-७० फीसदी दवा आमलोग बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के सिर्फ केमिस्ट के भरोसे पर खरीदते हैं। एक दूसरा तथ्य है कि आज भी करीब ७०-८० फीसदी केमिस्ट शॉप पर फार्मासिस्ट उपलब्ध नहीं है जो दवाओं के इफेक्ट, साइड इफेक्ट व अन्य सही जानकारी दे सकें। देश में ड्रग सेफ्टी बड़ा मसला है इस मामले में हमारी सरकारों ने कभी भी गंभीरता से विचार नहीं किया। आम जनता के लिए सरकार ने ड्रग एन्ड कास्मेटिक एक्ट, फार्मेसी एक्ट और फार्मेसी प्रेक्टिस रेगुलेशन जैसे कई नियम कानून बनाये तो हैं पर धरातल पर एक्ट इम्प्लीमेंटेशन को लेकर सरकारें और...