संदेश

2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

फार्मेसी संस्थान में शिक्षक समारोह

चित्र
अमरलाल न्यूज़डेस्क पटना राजकीय फार्मेसी संस्थान अगम कुआं पटना में आज 5 सितंबर शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ वर्तमान प्राचार्य राम कुमार एवं शैलेंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में गुरु का महत्व उल्लेखनीय हैं कहा जाता है कि गुरु के बिना ज्ञान की कल्पना नहीं की जा सकती है और इंसान जिनसे भी प्रेरणा लेते हैं वह उनके गुरु कहलाते हैं उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि जीवन में हमेशा संघर्ष करने का प्रयत्न करना चाहिए और जहां मुसीबत दिखे गुरु की प्रेरणा जरूर लेनी चाहिए कार्यक्रम में डिप्लोमा फार्मेसी ऑर्गेनाइजेशन के फार्मासिस्ट अरविंद कुमार ने गुरु की व्याख्या करते हुए गुरु की तुलना परमेश्वर से की वही फार्मा एक्टिविस्ट रजत राज , सुबोध, संत ने समाज में गुरु के महत्व को उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि इंसान मिट्टी है जिसे गुरु अपने ज्ञान से मूर्ति बना सकता है छात्रों ने बताया कि फार्मेसी में छात्रों को रोजगार के भरपूर अवसर है राज्य में 12000 से अधिक अस्पताल हैं लेकिन कार्यरत फार्मासिस्ट...
फार्मासिस्ट की जरूरत कहाँ है? फार्मासिस्ट एक अदभुद शब्द है जो कि दवा विशेषज्ञ की पहचान है। वर्तमान में यह उपाधि फार्मेसी क्षेत्र में दो वर्षीय डिप्लोमा और चार वर्षीय डिग्री धारक को प्रदान की जाती है। इस उपाधि को धारित व्यक्ति दवा से सम्बंधित सभी क्षेत्रों में विशेषज्ञ समझा जाता है। फार्मासिस्ट को दवा के निर्माण से लेकर उसके भंडारण और वितरण में जिम्मेदारीपूर्वक अहम भूमिका निभानें के लिए तैयार किया जाता है। फार्मासिस्ट की जरूरत कहाँ है? फार्मासिस्ट की समाज में एक प्रमुख भूमिका होती है तथा जिस प्रकार डॉक्टर बिमारियों के परीक्षण में महारथ हांसिल रखता है, ठीक उसी प्रकार फार्मासिस्ट दवा का सम्पूर्ण विशेषज्ञ होता है। फार्मासिस्ट का दवा के प्रति ज्ञान और जिम्मेदारी देखकर ही “जहाँ दवा वहाँ फार्मासिस्ट” का नारा दिया जाता है। सामाजिक तौर पर फार्मासिस्ट, डॉक्टर और मरीज के बीच की प्रमुख कड़ी होता है जो डॉक्टर और मरीज के बीच समन्वय स्थापित कर, डॉक्टर के निर्देशानुसार दवा वितरण करता है। पर हमने कभी सोचा है कि वास्तव में समाज में फार्मासिस्ट की कितनी आवश्यकता है? हम किताबों में पढ़ते हैं और फार...

दवा के दुष्प्रभाव से बचने के लिए यह जानकारी अवश्य पढ़ें

चित्र
दवा जब उचित मात्रा और उचित समय पर लिया जाता है  तो संजीवनी का काम करती है लेकिन वही दवा यदि सही जानकारी और सही मात्रा  के साथ ना लिया जाए जो व्यक्ति के मौत का कारण भी बन सकती है शायद आपने देखा भी होगा आज ही दरभंगा के अखबार में प्रकाशित है आप सभी को पता होगा कि दवा दुकान पर बिना फार्मासिस्ट के दवा वितरण नहीं किया जा सकता है आइए जानते हैं क्या है मामला आखिर दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट की अनिवार्यता जरूरी क्यों है आखिर इसके लिए कानून क्यों बनाया गया है ? दवा कोई मामूली वस्तु नहीं बल्कि जीवन रक्षक सबसे उपयोगी वस्तु है बिना दवा के स्वास्थ्य व्यवस्था की कल्पना ही नहीं की जा सकती है जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रत्येक एलोपैथिक दवा का साइड इफेक्ट होता है लेकिन उनसे इस प्रकार तैयार किया जाता है कि मरीज को ज्यादा लाभ और नुकसान कम हो दवा के सेवन से पूर्व मरीज को दवा संबंधी जानकारी उसके उपयोग की जानकारी दवा लेने की मात्रा की जानकारी होनी जरूरी है अन्यथा दवा के दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे दवा कब लेनी है कैसे लेनी है कितनी मात्रा में लेनी है दवा के साथ कौन से भोजन कर सकते हैं कौन से...

इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर पर हमला अवैध रूप से कर रहा था दवा कारोबार

चित्र
बिहार के लखीसराय में दवा दुकान इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर रविंद्र मोहन को स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर द्वारा  बंधक बनाकर उन्हें घायल कर दिया गया औषधि निरीक्षक बताते हैं कि अवैध दवा कारोबार की सूचना मिलने पर  इस्पेक्टर रविंद्र दवा दुकान इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे जहां दवा दुकान के स्टाफ ने दवा दुकान का लाइसेंस नहीं दिखायाजब ड्रग इस्पेक्टर रविंद्र ने पूछा कि आपके यहां का  फार्मासिस्ट कहां है तो दवा विक्रेता डॉक्टर साहब से मिलने को बोलने लगा ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि हम दवा दुकान का इंस्पेक्शन करने आए हैं और दवा दुकान का इंस्पेक्शन करेंगे लाइसेंस दिखाने के मामले में ही औषधि निरीक्षक और दवा विक्रेता की बहस हो गई और दवा विक्रेता डॉक्टर के केबिन में गया और वहां डॉक्टर के सहयोगियों द्वारा ड्रग इंस्पेक्टर को जबरन डॉक्टर के केबिन में ले जाया गया जहां झोलाछाप डॉक्टर द्वारा ड्रग इस्पेक्टर रविंद्र को रिश्वत देने की कोशिश की गई जब ड्रग इस्पेक्टर रविंद्र तैयार नहीं हुए तब डॉक्टर ने अपने सहयोगियों के साथ ड्रग इस्पेक्टर पर हमला बोल दिया  डॉक्टर द्वारा ड्रग इंस्पेक्टर के मु...

फार्मासिस्ट भर्ती आंदोलन से जुड़े और रोजगार पाएं बिहार के युवा फार्मासिस्ट बंधुओं तथा फार्मा न्यूज की रोजगार की दिशा में एक पहल

Loading...

सरकार ने जारी किया फार्मासिस्ट सेवा नियमावली ,डिप्लोमा फार्मासिस्ट को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

चित्र
देश में बेरोजगारी का आलम इस कदर फैला हुआ है कि यदि आधी पास की वैकेंसी आए तो ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट छात्र भी मौका छोड़ना नहीं चाहते जहां एक तरफ भारतवर्ष में भारतीय भैंस राज्य परिषद द्वारा फार्मासिस्ट बनने की न्यूनतम योग्यता डिप्लोमा इन फार्मेसी रखी गई है वहीं दिल्ली सरकार और कई ग्रैजुएट फार्मासिस्ट संगठनों द्वारा सरकार पर दबाव डाल कर सरकारी सेवाओं में फार्मेसिस्ट बनने की न्यूनतम योग्यता फार्मेसी संकाय में स्नातक करा दिया गया है जिसे देश के फार्मासिस्ट में रोष है http://bit.ly/2Gj8M8x (+919504814001) Designer blazers online only at 700 क्या है आंतरिक मामला फार्मेसी के पितामह कहे जाने वाले डॉक्टर  श्रॉफ ने इंटरमीडिएट विज्ञान के साथ उत्तीर्ण छात्रों के लिए दो कोर्स शुरू की है जिसमें डिप्लोमा 2 वर्ष 3 महीने का जो कि अस्पताल फार्मेसी के दायित्वों को रखकर बनाया गया था जबकि वही 4 साल के बैचलर इन फार्मेसी कोर्स को मुख्य रूप से इंडस्ट्रियल फार्मेसी के लिए शुरू किया था दिल्ली सरकार के गजट प्रकाशन होने के बाद देश के फार्मासिस्ट संगठनों में रोष है

देश को "उड़ता पंजाब "से बचाने वाला एक सिपाही की निर्मम हत्या

चित्र
ये है डॉ नेहा सूरी, जो पंजाब में ड्रग इंस्पेक्टर के पोस्ट पर तैनात थीं। कुछ हीं महीने पहले इन्होंने कुछ फार्मेसी आउटलेट्स पर छापा मारा था और प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री के लिए उनके लाइसेंस रद्द कर दिए थे। कल, एक ड्रग पेडलर ने मोहाली में इनके कार्यालय में आकर दिनदहाड़े इन्हें गोली मार दी। पंजाब के लगभग 70-80%  युवाओं  को बर्बाद कर चुकी ड्रग्स से लड़ने वाली एक ईमानदार अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नेहा की उन जैसे लोगों की बहादुरी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी हमारे सशस्त्र बलों,सेना और पुलिस की। ये लोग देश को अंदर से सुरक्षित करते हैं। वे हमारे समाज, हमारे युवाओं, हमारे लोगों की रक्षा करते हैं । इस बहादुर और ईमानदार  महिला को दिल से सैल्यूट है जिन्होंने कई युवाओं के भविष्य की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया।

बिहार के आक्रोशित पैरामेडिकल छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री को थमा दिया कटोरा कहा विभाग गरीब है तो आइए साथ में भीख मांगते हैं

चित्र
SUBSCRIBE बिहार के आक्रोशित paramedical छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री को थमा दिया कटोरा कहा विभाग गरीब है तो आइए साथ में भीख मांगते हैं पटना  :  बिहार से एक  बड़ी खबर है जहां अगमकुआं स्थित आरएमआरआई में पूर्वोत्तर राज्य के छात्रों के स्वागत समारोह में भाग लेने के बाद लौट रहे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का घेराव एनएमसीएच पारा मेडिकल संघ के छात्रों ने किया। इस दौरान छात्र मंत्री की निकल रही गाड़ी के आगे लेट गए और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मौके पर मंत्री भी अपनी गाड़ी से उतर कर छात्रों के बीच पहुंचे और उनकी बात सुनना चाहा। इसके पहले ही आक्रोशित छात्रों ने मंत्री जी को एक मांग पत्र सौंपा। साथ ही साथ उन्हें एक कटोरी भी पकड़ा दिया। बातचीत हो पाती इसके पूर्व ही माहौल बिगड़ गया। छात्रों ने मंत्री जी को कटोरी पकड़ाते हुए भीख मांगने की बात कही। इसके बाद धक्का-मुक्की का माहौल शुरू हो गया। किसी तरह मंत्री छात्रों को समझाना चाहे, मगर छात्र आक्रोशित थे। उनका कहना था कि उनकी समस्याओं का निराकरण नालंदा मेडिकल कॉल...

देश के फार्मासिस्ट को मिले प्रिस्क्रिप्शन लिखने का अधिकार

आमतौर पर छोटी मोटी बिमारियों मसलन सर्दी जुकाम बुखार कटना छीलना खांसी होने पर लोग डॉक्टर्स के पास नहीं जाते। डॉक्टर की फ़ीस के बचाने के लिए जनता सीधे केमिस्ट शॉप पहुँचती है और केमिस्ट के कहे अनुसार दवा का सेवन करना शुरू कर देती है। चूँकि दवा बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन या सलाह के ली गई है ऐसे में केमिस्ट भी दवा का पक्का बिल नहीं नहीं देते। एक्ट का उलंघन भी होता है और राजस्व को भी नुकसान होता है। यह हाल किसी एक राज्य का नहीं अमूमन पुरे देश में यही हाल है। एक अनुमान के अनुसार देश में ६०-७० फीसदी दवा आमलोग बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के सिर्फ केमिस्ट के भरोसे पर खरीदते हैं। एक दूसरा तथ्य है कि आज भी करीब ७०-८० फीसदी केमिस्ट शॉप पर फार्मासिस्ट उपलब्ध नहीं है जो दवाओं के इफेक्ट, साइड इफेक्ट व अन्य सही जानकारी दे सकें। देश में ड्रग सेफ्टी बड़ा मसला है इस मामले में हमारी सरकारों ने कभी भी गंभीरता से विचार नहीं किया। आम जनता के लिए सरकार ने ड्रग एन्ड कास्मेटिक एक्ट, फार्मेसी एक्ट और फार्मेसी प्रेक्टिस रेगुलेशन जैसे कई नियम कानून बनाये तो हैं पर धरातल पर एक्ट इम्प्लीमेंटेशन को लेकर सरकारें और...